JSS University Mysore 2025
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नीट 2026 के बाद क्या? (What after NEET 2026 in Hindi) - नीट यूजी देश भर के मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एकमात्र परीक्षा है। भारत में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) ने चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था के मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साल 2026 में नीट की परीक्षा का आयोजन मई महीने में किया जाएगा। हालांकि, नीट 2026 के बाद क्या होगा इस सवाल को लेकर उम्मीदवार चिंतित रहते हैं क्योंकि मेडिकल के इच्छुक उम्मीदवार अक्सर अपनी अधिकांश ऊर्जा नीट परीक्षा की तैयारी में लगा देते हैं।
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नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, 'प्रवेश की प्रक्रिया क्या है?' या नीट 2026 के बाद क्या करें (neet ke baad kya kare)' या नीट के बाद मेडिकल (एमबीबीएस) या डेंटल कॉलेजों में प्रवेश कैसे प्राप्त करें' नीट पास करने के बाद क्या होता है (neet ke bad kya hota hai), जैसे प्रश्न आम तौर पर दिमाग में आते हैं।
अधिकांश उम्मीदवारों को यह पता नहीं होता है कि परीक्षा समाप्त होने के बाद आगे क्या-क्या होगा, तो उनके लिए हम बता दें कि नीट परीक्षा के बाद नीट आंसर की, रिजल्ट, काउंसिलिंग और एडमिशन की प्रक्रिया शामिल रहती है। नीट 2026 परीक्षा के बाद आगे क्या करना है, इसकी जानकारी नहीं होने से उम्मीदवार चिंतित रहते हैं।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जिन उम्मीदवारों ने नीट कटऑफ स्कोर हासिल किया हो, वे प्रवेश प्रक्रिया के लिए पात्र होंगे। सरकारी कॉलेजों में 15% सीटें अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत और 85% राज्य कोटा के माध्यम से आवंटित की जाती हैं।
ये भी पढ़ें: नीट में अच्छा स्कोर क्या है?
जो अभ्यर्थी नीट डोमिसाइल मानदंड को पूरा करेंगे वे राज्य कोटे की सीटों के तहत प्राइवेट कॉलेज में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। कॅरियर्स360 का यह लेख 'नीट के बाद क्या करें?' परीक्षा के बाद के लिए व्यापक जानकारी और सुझाव प्रदान करता है जो उम्मीदवारों को नीट के माध्यम से एमबीबीएस/बीडीएस की जटिल प्रवेश प्रक्रिया को समझने में मदद कर सकता है।
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नीट 2026 परीक्षा समाप्त होने के ठीक बाद उम्मीदवार दो महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर सकते हैं :
नीट 2026 स्कोर की गणना करें।
नीट 2026 रैंक का अनुमान लगाएं।
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पिछले वर्ष के नीट एडमिशन रुझानों को ध्यान में रखते हुए और उनका विश्लेषण करके उम्मीदवार उन मेडिकल/डेंटल कॉलेजों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जो उन्हें नीट स्कोर और रैंक के आधार पर मिल सकते हैं। अभ्यर्थी नीट आंसर की का उपयोग करके अपने अनुमानित नीट परीक्षा स्कोर की गणना कर सकते हैं। नीट स्कोर की गणना के साथ छात्र नीट स्कोर बनाम रैंक रुझानों का उपयोग करके अपनी रैंक का अनुमान लगा सकते हैं।
नीट रिजल्ट 2026 आने के बाद उम्मीदवार वास्तविक रैंक तथा परीक्षा परिणाम के माध्यम से नीट कॉलेज प्रीडिक्टर का उपयोग करके सटीकता के साथ भविष्यवाणी कर सकते हैं कि उन्हें किस कॉलेज की पेशकश की जाएगी। नतीजों की घोषणा के तुरंत बाद नीट 2026 प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेख का यह भाग नीट 2026 के बाद के चरणों की जानकारी प्रदान करता है, जिसमें नीट परीक्षा के तुरंत बाद की अवधि और नीट रिजल्ट परिणाम घोषित होने के बाद की अवधि शामिल है।
नीट 2026 रिजल्ट घोषित होने के बाद एमबीबीएस/बीडीएस प्रवेश काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नीट कटऑफ 2026 में न्यूनतम आवश्यक क्वालीफाइंग पर्सेंटाइल हासिल करने वाले अभ्यर्थी ही काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे और प्रवेश के लिए उन्हीं पर विचार किया जाएगा। नीट 2026 क्वालीफाई करने के लिए सामान्य कैटेगरी के उम्मीदवार को कम से कम 50वां पर्सेंटाइल (एससी/एसटी/ओबीसी के लिए 40वां पर्सेंटाइल) स्कोर करना होगा। रिजल्ट जारी किए जाने के बाद निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी-
परीक्षा क्वालीफाई करना (नीट कटऑफ स्कोर हासिल करके)।
काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए आवेदन करें।
काउंसलिंग में शामिल होकर एडमिशन सुनिश्चित करें।
अभ्यर्थियों और अभिभावकों के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न रहता है कि "नीट रिजल्ट घोषित होने के बाद क्या होगा और उसके बाद क्या करना होगा।" काउंसलिंग के दौरान विभिन्न प्रक्रियाएं होंगी। कई काउंसलिंग अधिकारियों का सामना करना पड़ेगा और कई तरह के आवेदन पत्र भरने होंगे, इसलिए चिकित्सा शिक्षा के पहले नीट एडमिशन की इन प्रक्रियाओं को समझना जरूरी हो जाता है। भले ही काउंसलिंग के प्रकार की समझ है और सीटों की संख्या पता है, तब भी तय विभिन्न पात्रता मानदंड समझने में मुश्किल होते हैं। आइए नीट एमबीबीएस/बीडीएस प्रवेश प्रक्रिया संबंधी जानकारी प्राप्त करें और ‘नीट के बाद क्या’ करना चाहिए, नीट पास करने के बाद क्या होता है, उसे विस्तार से समझते हैं।
क्र.सं. | सीटों के प्रकार | काउंसलिंग प्राधिकरण |
1 | सभी एआईक्यू (अखिल भारतीय कोटा) सीटें* | स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) |
2 | डीम्ड और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सभी सीटें | स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) |
3 | राज्य के सरकारी कॉलेजों में राज्य कोटे की सीटें (केवल मूलनिवासी परीक्षार्थियों के लिए उपलब्ध) | राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण |
4 | पूरे देश के सभी प्राइवेट कॉलेज (मूलनिवासी परीक्षार्थियों के लिए उपलब्ध राज्य कोटे की सीटों के अलावा) | राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण |
*जम्मू और कश्मीर (J&K) के उम्मीदवार भी एआईक्यू काउंसलिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं क्योंकि जम्मू और कश्मीर ने 2022 से 15% एआईक्यू में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है।
नीट 2026 के बाद क्या करें (neet ke baad kya kare in hindi) से संबंधित परीक्षार्थियों के मन में आने वाले काउंसलिंग के प्रश्नों का समाधान करने के लिए विभिन्न आवेदन प्रक्रियाओं के बारे में स्पष्ट जानकारी नीचे दी गई है। नीट 2026 और विभिन्न आवेदन प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटें (All India Quota (AIQ) seats)
देश के सभी सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की 15% सीटें नीट एआईक्यू से भरी जाएंगी। ये सभी नीट 2026 उम्मीदवारों (जम्मू और कश्मीर के उम्मीदवार भी 2022 से 15% एआईक्यू सीटों के लिए पात्र हैं) के लिए खुली होगी ।
एमसीसी नीट 2026 के लिए एआईक्यू काउंसलिंग के लिए आवेदन पत्र जारी करेगा और इसके जारी होने पर छात्रों को आवेदन भरना होगा। नीट 2025 एआईक्यू काउंसलिंग ऑनलाइन मोड में शुरू होगी और चार राउंड में आयोजित की जाएगी।
डीम्ड और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नीट 2025 सीटें
नीट 2026 के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सभी केंद्रीय और डीम्ड विश्वविद्यालयों में आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) से संबद्ध कॉलेज शामिल हैं।
एआईक्यूई के समान ही डीजीएचएस डीम्ड और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए भी काउंसलिंग प्राधिकरण है। इसके अलावा, डीम्ड और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए नीट काउंसलिंग भी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।
डीम्ड और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस/बीडीएस सीटों पर आवेदन के लिए उम्मीदवारों को नीट 2026 अधिसूचना जारी होने के बाद डीजीएचएस द्वारा जारी एक अलग आवेदन पत्र भरना होगा।
नीट के बाद क्या, इसके बारे में सोचने वाले अधिकतर परीक्षार्थी इस बात को लेकर स्पष्ट राय रखते हैं कि नीट के बाद उन्हें किन राज्यों में आवेदन करना है और वरीयता भी पता रहती है। एआईक्यू में 15% सीटें चली जाने के बाद सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के पास जो 85% सीटें रहती हैं वे राज्य कोटे की सीटों के अंतर्गत आती हैं। ये सीटें आम तौर पर इन राज्यों से संबंधित परीक्षार्थियों के लिए होती हैं।
अपने राज्य के सरकारी कॉलेजों में राज्य कोटे की सीटों के वास्ते आवेदन करने के लिए परीक्षार्थियों को संबंधित राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण द्वारा जारी आवेदन पत्र को भरना होता है।
नीट के बाद क्या करें, अधिकतर छात्रों की इससे संबंधित दुविधा का समाधान हो चुका होगा और भला हो प्राइवेट कॉलेज का क्योंकि इनमें मूल निवास की आवश्यकताएं ज्यादा कठोर नहीं होती हैं जिसके चलते छात्र अपनी पसंद के अधिकतर राज्यों में आवेदन कर सकते हैं। नीट 2026 क्वालीफाई करने वाले सभी परीक्षार्थी संबंधित राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण के एप्लीकेशन फॉर्म भरकर पूरे देश के प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
राज्य कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग करने वाले राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण ही प्राइवेट कॉलेजों के लिए भी काउंसलिंग करते हैं। कुछ राज्य पहले से ही अपनी आवेदन प्रक्रिया शुरू कर देते हैं, वहीं नीट परिणाम घोषित होने के बाद अधिकतर राज्य नीट 2026 राज्य काउंसलिंग एप्लीकेशन्स (प्राइवेट कॉलेजों के लिए) जारी करते हैं। कुछ प्राइवेट कॉलेज राज्य कोटे की कुछ प्रतिशत सीटें अलग रखते हैं, जिसके लिए केवल उन्हीं राज्यों के परीक्षार्थी आवेदन कर सकते हैं।
ऊपर बताई गई सीटों के अलावा एएफएमसी, पुणे और ईएसआईसी कॉलेजों में बीमित व्यक्ति (आईपी) के बच्चों के लिए आरक्षित एमबीबीएस/बीडीएस की सीटें भी हैं। एआईक्यू और डीम्ड/केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए प्रवेश आयोजित करने वाला निकाय – डीजीएचएस ही एएफएमसी, पुणे और ईएसआईसी कॉलेजों में एमबीबीएस/बीडीएस सीटों के लिए आवेदन करने वाले सभी आईपी वार्डों के लिए भी काउंसलिंग आयोजक प्राधिकरण है।
एएफएमसी में प्रवेश के लिए या ईएसआईसी में आईपी वार्ड कोटे के तहत आने के लिए इच्छुक और पात्र परीक्षार्थी संबंधित काउंसलिंग प्रक्रियाओं के लिए डीजीएचएस वेबसाइट के जरिए अलग से आवेदन कर सकते हैं। ईएसआईसी में आईपी वार्ड और एएफएमसी, पुणे की सीटों के लिए आवश्यक विशिष्ट पात्रता की जानकारी नीचे दी गई हैं।
सीटों का प्रकार | पात्रता |
एएफएमसी, पुणे | डीजीएचएस आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से एएफएमसी के लिए उम्मीदवार द्वारा आवेदन करने के बाद एएफएमसी परीक्षार्थियों को शॉर्टलिस्ट करेगा और फिर एडमिशन के लिए स्क्रीनिंग के अन्य चरण आयोजित करेगा। एएफएमसी के पात्रता मानदंडों में आयु सीमा, आवश्यक ऊंचाई आदि शामिल हैं। |
ईएसआईसी में आईपी वार्ड की सीटें | ईएसआईसी संस्थानों में बीमित व्यक्ति (आईपी) कोटा सीटों के लिए डीजीएचएस अलग से एप्लीकेशन फॉर्म और प्रवेश प्रक्रिया शुरू करता है। इस श्रेणी के लिए आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों के माता-पिता में से किसी एक का ईएसआई अधिनियम की परिभाषा के अनुसार बीमित व्यक्ति होना आवश्यक है और 1 जनवरी, 2026 तक 5, 4 या 3 वर्षों तक सतत बीमित रोजगार में रहे हों। |
नीट परीक्षा के बाद क्या की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है परीक्षार्थियों का काउंसलिंग में शामिल होना। नीट रिजल्ट के बाद उत्तीर्ण परीक्षार्थी ने एक बार काउंसलिंग के लिए यदि सही एप्लीकेशन फॉर्म भर लिया तो फिर अन्य सभी आवश्यक प्रक्रियाएं काउंसलिंग प्राधिकरण के नियमित अपडेट के माध्यम से स्वत: ठीक होती जाएंगी। हालांकि तैयार रहने के लिए महत्वपूर्ण बातों के बारे में पहले से जानकारी जुटाना हमेशा बेहतर होता है। नीट के बाद क्या किया जाए, यह समझने में परीक्षार्थियों की मदद के लिए यहां काउंसलिंग प्रक्रिया का विवरण दिया गया है :
एआईक्यू सीटों की काउंसलिंग: एमसीसी 15% एआईक्यू एमबीबीएस/बीडीएस सीटों के लिए काउंसलिंग के चार दौर आयोजित करता है। दूसरा दौर समाप्त होने के बाद, शेष सीटें (यदि कोई हों) वापस राज्यों को स्थानांतरित कर दी जाती हैं।
डीम्ड/केंद्रीय विश्वविद्यालयों की काउंसलिंग: डीजीएचएस डीम्ड और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए दो राउंड की काउंसलिंग आयोजित करता है, उसके बाद एक मॉप-अप राउंड होता है।
एएफएमसी और ईएसआईसी आईपी वार्ड्स के लिए काउंसलिंग: एएफएमसी पुणे और ईएसआईसी कॉलेजों के एमबीबीएस/बीडीएस कोर्स में एडमिशन के लिए डीजीएचएस ही काउंसलिंग बॉडी है। इन सीटों के लिए इच्छुक और पात्र परीक्षार्थियों को डीजीएचएस पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीयन करना होता है।
राज्य कोटा काउंसलिंग: राज्य कोटे की 85% सीटों के लिए संबंधित राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण अपने राज्यों की काउंसलिंग आयोजित करते हैं। ये सीटें आमतौर पर राज्यों के मूल निवासी परीक्षार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं। राज्य कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग दो से तीन राउंड में आयोजित होती है, इसके बाद मॉप-अप राउंड होता है।
प्राइवेट कॉलेज काउंसलिंग: राज्य कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग करने वाला प्राधिकारण ही राज्य के प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस/बीडीएस सीटों के लिए काउंसलिंग करता है। काउंसलिंग तीन से चार राउंड तक जा सकती है, जिसके बाद खाली बची सीटों के आधार पर मॉप अप राउंड आयोजित होगा।
नीट के बाद क्या करना चाहिए यह जानने के इच्छुक परीक्षार्थी देखेंगे कि अगर वे ऊपर बताई गई किसी भी काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए आवेदन करते हैं अधिकतर काउंसलिंग प्राधिकरण अपनी मेरिट लिस्ट जारी कर इनमें से पात्र परीक्षार्थियों को स्टेट रैंक देंगे। कुछ राज्य काउंसलिंग प्राधिकरण नीट मेरिट लिस्ट 2026 के दो सेट भी जारी कर सकते हैं, जिनमें से एक सरकारी और दूसरा प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के लिए होगी। संबंधित काउंसलिंग के दौरान निम्नलिखित कुछ अनिवार्य दस्तावेज हैं जिन्हें आपको आने साथ ले जाना चाहिए:
नीट रैंक लेटर
10वीं या 12वीं कक्षा के प्रमाण पत्र और मार्कशीट
आईडी प्रमाण पत्र
मूल निवास प्रमाण पत्र (केवल राज्य कोटा सीटों के लिए)
क्र.सं. | नीट स्टेट एडमिशन |
1 | आंध्र प्रदेश एमबीबीएस एडमिशन |
2 | असम एमबीबीएस एडमिशन |
3 | |
4 | |
5 | छत्तीसगढ़ एमबीबीएस एडमिशन |
6 | |
7 | गोवा एमबीबीएस एडमिशन |
8 | गुजरात एमबीबीएस एडमिशन |
9 | |
10 | |
11 | |
12 | जम्मू एवं कश्मीर एमबीबीएस एडमिशन |
13 | झारखंड एमबीबीएस एडमिशन |
14 | कर्नाटक एमबीबीएस एडमिशन |
15 | केरल एमबीबीएस एडमिशन |
16 | |
17 | महाराष्ट्र एमबीबीएस एडमिशन |
18 | मेघालय एमबीबीएस एडमिशन |
19 | मणिपुर एमबीबीएस एडमिशन |
20 | ओडिशा एमबीबीएस एडमिशन |
21 | |
22 | |
23 | तेलंगाना एमबीबीएस एडमिशन |
24 | त्रिपुरा एमबीबीएस एडमिशन |
25 | तमिलनाडु एमबीबीएस एडमिशन |
26 | |
27 | |
28 | पश्चिम बंगाल एमबीबीएस एडमिशन |
यदि कोई उम्मीदवार वांछित एमबीबीएस सीट नहीं सुरक्षित कर पा रहा है, तो वे दुबारा नीट के लिए आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि परीक्षा में अब तक प्रयासों की कोई अधिकतम सीमा नहीं तय की गई है। इसके अलावा उम्मीदवारों को यह भी याद रखना चाहिए कि नीट 2026 स्कोर का उपयोग न केवल एमबीबीएस सीटों में प्रवेश के लिए किया जाएगा, बल्कि कई अन्य कोर्सों में भी नीट के स्कोर से प्रवेश दिया जाता है जिनमें बीडीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीवाईएमएस, बीएसएमएस और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस शामिल हैं। इतने सारे विकल्पों के साथ उम्मीदवार यह तय कर सकते हैं कि नीट के बाद क्या करना है।
यह भी पढ़ें : नीट स्कोर के बिना मेडिकल पाठ्यक्रम
इसके अलावा यह जान लें कि चिकित्सा क्षेत्र में विषयों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है जो मेडिकल सिस्टम के सुचारू कामकाज के लिए अभिन्न अंग हैं और यदि इनमें रुचि हो तो वह अध्ययन के लिए इसे चुन सकता है। नीट के बिना कोई भी कोर्स कर सकता है जिसमें फार्मेसी, नर्सिंग, बायोटेक्नोलॉजी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और फोरेंसिक साइंस शामिल हैं। नीट के बाद क्या होगा, इसकी चिंता न करें और अपने सपनों के मेडिकल करियर को हासिल करने के लिए लगन से काम करें।
महत्वपूर्ण प्रश्न :
नीट 2026 क्वालिफाई करने के बाद मुझे क्या करना होगा? (neet qualify karne ke baad kya hota hai)'
‘अगर मैं किसी विशेष राज्य का मूल निवासी नहीं हूं, तो क्या इसके बावजूद वहां एमबीबीएस/बीडीएस काउंसलिंग के लिए आवेदन किया जा सकता है?’, नीट समाप्त हो जाने के बाद मुझे प्रवेश के लिए कौन-कौन से फॉर्म भरने होंगे’, नीट 2026 क्वालिफाई करने के बाद मुझे क्या करना होगा? (neet qualify karne ke baad kya hota hai)' नीट पास करने के बाद क्या होता है (neet pass karne ke baad kya kare) जैसे कई सवाल परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों के मन में चलते रहते हैं। एमबीबीएस/बीडीएस प्रोग्रामों में नीट के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया के बारे में आसान तरीके से परीक्षार्थियों को जानकारी देने के लिए कॅरियर्स360 द्वारा यहां ‘नीट 2026 के बाद क्या करें (neet ke baad kya kare in hindi)' विषय पर लेख में विस्तार से जानकारी दी गई है। पात्र उम्मीदवारों को विस्तृत जानकारी के लिए ‘नीट 2026 के बाद क्या करें (neet ke baad kya kare in hindi)' विषय पर लिखे गए इस आलेख को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
नीट पास करने के बाद क्या करें (neet pass karne ke baad kya kare)?
छात्रों को नीट परीक्षा पास करने के बाद नीट काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है। नीट परीक्षा में छात्रों की रैंक के आधार पर एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष, बीवीएससी और एएच, बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है।
नीट परीक्षा क्या है (what is neet exam in hindi)?
मेडिकल क्षेत्र में अपने कैरियर की तलाश कर रहे है अभ्यर्थी अक्सर इंटरनेट पर नीट परीक्षा क्या है (what is neet exam in hindi) के बारे में सर्च करते रहते है। छात्रों की जानकारी के लिए बता दें, नीट से तात्पर्य नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test- NEET) है। इसे हिंदी में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा कहते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ऑफलाइन मोड में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का आयोजन हर वर्ष करती है। नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा एक लाख से अधिक एमबीबीएस, 27,868 बीडीएस, 52,720 आयुष, 525 बीवीएससी तथा एएच सीटों पर प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।
नीट में कौन कौन से कोर्स होते हैं (neet me kon kon se course hote hai)?
नीट के माध्यम से एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष, बीवीएससी तथा एएच, बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
हां, एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए छात्रों को नीट यूजी क्रैक करना होगा।
NEET का फुल फॉर्म National Eligibility cum Entrance Test (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा NEET का संचालन किया जाता है।
एनटीए द्वारा नीट 2026 परीक्षा का आयोजन मई 2026 में किया जाएगा।
नीट 2026 एडमिट कार्ड परीक्षा से पहले एनटीए की वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा।
On Question asked by student community
Hi dear candidate,
Although NEET and paramedical courses (nursing, lab tech etc.) share same core subjects of PCB but the syllabus for NEET is NOT identical with that of paramedical exams as they require extra sections of GK and aptitude that is beyond NEET.
Kow more at:
NEET Syllabus 2026 by NMC (Released): Download Official PDF
BEST REGARDS
Hello Yashpal
Your plan to shift from online BCA to regular MCA is completely valid and acceptable. The gap years taken for NEET preparation will not affect MCA admission.
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Hello
NEET SS is a national-level exam for admission to DM and MCh super-speciality medical courses.
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Only students who have completed MD/MS or DNB in the required speciality can apply.
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